tag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post3363640707245259293..comments2023-10-21T20:39:48.010+05:30Comments on महफ़िल-ए-नाशाद: नरेश चन्द्र बोहराhttp://www.blogger.com/profile/02704671927129198311noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-42976942486554669992010-06-12T11:46:13.942+05:302010-06-12T11:46:13.942+05:30किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया...किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-41900714290991413422010-06-10T23:22:24.503+05:302010-06-10T23:22:24.503+05:30जब टूट गए सारे रिश्ते
अब सिवाय दूरीयों के कुछ नहीं...जब टूट गए सारे रिश्ते<br />अब सिवाय दूरीयों के कुछ नहीं **<br />यही सच्चाई है आज के ज़माने की. भैय्या आपने बहुत सच्ची बातें लिखी है. बहुत शानदारAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/00998868493773725642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-29456073797548215452010-06-10T23:20:46.035+05:302010-06-10T23:20:46.035+05:30बहुत अच्छी. लेकिन कहीं कहीं दर्द कुछ ज्यादा हो गया...बहुत अच्छी. लेकिन कहीं कहीं दर्द कुछ ज्यादा हो गया. लेकिन क्या करें कम हो या ज्यादा दर्द तो दर्द ही होता है.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/02143045088857665662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-63443558057341205772010-06-10T23:19:11.141+05:302010-06-10T23:19:11.141+05:30सॉरी नरेशजी; एक लम्बे अरसे के बाद आपके ब्लॉग पर आई...सॉरी नरेशजी; एक लम्बे अरसे के बाद आपके ब्लॉग पर आई हूँ. आपकी रचनाएँ फुरसत से पढूंगी. आज वाली तो रुला गई. कोई इस तरह से गम ना महसूस करे.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/09293227777608620862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-86169618826001287602010-06-10T23:17:05.702+05:302010-06-10T23:17:05.702+05:30बेहतरीन ग़ज़ल .कुछ उदास सी. अल्फाज अपनी तरफ खींच ...बेहतरीन ग़ज़ल .कुछ उदास सी. अल्फाज अपनी तरफ खींच लेते हैं.,Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02617627671667788622noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-63161671047349882162010-06-10T20:53:40.322+05:302010-06-10T20:53:40.322+05:30आपकी ग़ज़ल नि:संदेह बहुत ही शानदार ग़ज़ल है; दर्द...आपकी ग़ज़ल नि:संदेह बहुत ही शानदार ग़ज़ल है; दर्द तो बहुत है लेकिन फिर भी ये ज़िदगी का एक कड़वा सच है.Priyamwafa Kanwar Sisodiahttp://tfdddnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-4181958191658608072010-06-10T20:52:07.040+05:302010-06-10T20:52:07.040+05:30नरेशजी; आप इतना मत रुलाया करें. आपके गीत बहुत अच्छ...नरेशजी; आप इतना मत रुलाया करें. आपके गीत बहुत अच्छे होते हैं. आप गीत या कवितायें ही लिखा करें. शुभ-कामनाएं तो दूंगी ही वर्ना आपने कोई गीत या कविता नहीं लिखी तो. अगला गीत ही होना चाहीय नहीं तो मैं नाराज़ हो जाऊंगी..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17964101510621432330noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-36682079689168389882010-06-10T20:49:49.383+05:302010-06-10T20:49:49.383+05:30इतना दर्द सहन नहीं होता. लेकिन फिर भी आपको बधाई क्...इतना दर्द सहन नहीं होता. लेकिन फिर भी आपको बधाई क्यूंकि ग़ज़ल है तो लाजवाब.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05797957138645183745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-77225800817860275502010-06-10T20:48:32.623+05:302010-06-10T20:48:32.623+05:30नाशाद साहब आपने सच लिख दिया है. जब बात पछतावे की ह...नाशाद साहब आपने सच लिख दिया है. जब बात पछतावे की हो तो एक एक बात तीर जैसी चुभती है. इस ग़ज़ल में जबरदस्त दर्द झलका है. आपका तो नाम ही नाशाद है.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/08655564410616177064noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-53710151893493707702010-06-10T20:46:23.595+05:302010-06-10T20:46:23.595+05:30हर दिल अजीज ग़ज़ल. बस पढ़ते ही मेरी आँखें खुद ब खु...हर दिल अजीज ग़ज़ल. बस पढ़ते ही मेरी आँखें खुद ब खुद भीग गई. जब आंसू टपका तब पता चला.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08673634736555420710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-52636160698558156412010-06-10T20:45:09.838+05:302010-06-10T20:45:09.838+05:30कुछ पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी है. जैसे =
जब तिनके...कुछ पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी है. जैसे =<br />जब तिनके तिनके हुई उम्मीदें<br />अब सिवाय ख़्वाबों के कुछ नहींanandita thakur Singhhttp://tvttbynoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-12053158160529291132010-06-10T20:44:06.101+05:302010-06-10T20:44:06.101+05:30बहुत ही उम्दा --
जब जीवन से लम्बी हो गई राहें
अब स...बहुत ही उम्दा --<br />जब जीवन से लम्बी हो गई राहें<br />अब सिवाय मोड़ों के कुछ नहींAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13011933611951596569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-35617264575009291722010-06-10T20:41:49.824+05:302010-06-10T20:41:49.824+05:30एक बहुत ही दर्द से भरी हुई और एक एक शब्द में दर्द ...एक बहुत ही दर्द से भरी हुई और एक एक शब्द में दर्द को झलकाती हुई ग़ज़ल. अत्यंत ही सुन्दर.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00375998643494544419noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-85777703454607704612010-06-10T20:40:11.661+05:302010-06-10T20:40:11.661+05:30रिश्ते टूटने का दर्द और किसी के बिछुड़ने की पीड़ा ब...रिश्ते टूटने का दर्द और किसी के बिछुड़ने की पीड़ा बहुत अच्छी तरह से झलकी है इस ग़ज़ल में. बहुत सुन्दर लिखी है आपने.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/12573639224070966302noreply@blogger.com