tag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post6466372164686609497..comments2023-10-21T20:39:48.010+05:30Comments on महफ़िल-ए-नाशाद: नरेश चन्द्र बोहराhttp://www.blogger.com/profile/02704671927129198311noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-42406250045783730772010-06-02T07:21:42.290+05:302010-06-02T07:21:42.290+05:30aapke dost ko wo sasb bhula kar aage badh jana tha...aapke dost ko wo sasb bhula kar aage badh jana tha ............<br />bahut aachi rachna h dil se mahsoos ho jaisi..manjul ramdeohttps://www.blogger.com/profile/16537560067058141522noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-38971831664778815712010-05-28T07:05:04.604+05:302010-05-28T07:05:04.604+05:30आप सब की तरह मैं भी यही मानता हूँ कि मेरा मित्र ग...आप सब की तरह मैं भी यही मानता हूँ कि मेरा मित्र गलत था. वो अपनी जिन्दगी को नई राह से आरम्भ कर सकता था. उसने उसके लिए अपने आप को बरबाद कर डाला जिसे उसने कभी वास्तविकता में चाहा ही नहीं. ये बात और है कि उस लड़की ने उसे चाहा था ;लेकिन आज वो भी तो सब कुछ भुलाकर अपनी नई दुनिया में सुखी ही होगी. मेरे मित्र का यह निर्णय मेरी समझ से परे है लेकिन मैं ये भी सोचता हूँ कि उसके दिल पर शायद बहुत गहरा असर कर गया ये खुलासा और वो कमजोर हो गया होगा. अंतिम सच यह है कि दो मासूम दिल जिन्होंने इक दूजे को चाहा था मिल ना सके. काश दोनों समझ पाते तो यूँ रास्ते जुदा ना हो पाते.नरेश चन्द्र बोहराhttps://www.blogger.com/profile/02704671927129198311noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-29510253689216243682010-05-26T20:46:59.296+05:302010-05-26T20:46:59.296+05:30आपकी शायद ये सब से ज्यादा दर्द में डूबी हुई ग़ज़ल ...आपकी शायद ये सब से ज्यादा दर्द में डूबी हुई ग़ज़ल है. पछतावे की सभी हदों को पार करती हुई और अपनी महबूबा से मिलन न होने के गम को दर्शाती हुई ग़ज़ल. लेकिन नरेशजी; आपके दोस्त ने ऐसा क्यूँ किया? वो थोड़े वक्त में सामान्य होकर अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सकता था किसी नए जीवन साथी के साथ. आपकी खुद की क्या राय है इस बारे में? औरों ने भी यह सवाल पुचा है. आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा नरेशजी.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04358682465096494737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-73011258043654951312010-05-26T20:13:14.360+05:302010-05-26T20:13:14.360+05:30नाशाद साहब, आदाब. आपके ब्लॉग की लगभग सारी पोस्ट्स ...नाशाद साहब, आदाब. आपके ब्लॉग की लगभग सारी पोस्ट्स पढ़ डाली एक ही सांस में. बहुत ही अच्छा लगा. आपकी दर्दीली भाषा और अभिव्यक्ति बहुत ही जबरदस्त है. मुझे कहीं कोई कमी नजर नहीं आई. आपका अपनी जन्मभूमि के प्रति लगाव मुझे मोहित और प्रभावित कर गया. मुझे भी अपना बचपन, गाँव और तमाम रिश्तेदार याद आ गए. आपको बहुत शुभ-कामनाएं.Anandita Thakur Singhhttp://anthaksi@yahoo.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-12671717341383494162010-05-26T09:30:13.394+05:302010-05-26T09:30:13.394+05:30अंतिम मिलन पर हमारी आँखों के सावन कोजो हम ना कह सक...अंतिम मिलन पर हमारी आँखों के सावन कोजो हम ना कह सके उन सभी बातों कोकाश कभी मैं समझ पाताकाश कभी मैं समझ पाता<br /><br />ग़ज़ल भी सुन्दर है और साथ के चित्र भी<br />वाह ! प्यार और असमंजस का अच्छा संजोग किया है आपने ....अच्छा लिखते हो यार ...लिखते रहो ... मेरी शुभकामनाये आपके साथ है <br />http://athaah.blogspot.com/Rahttps://www.blogger.com/profile/08726389437723424230noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-3252252814015427102010-05-25T20:01:46.822+05:302010-05-25T20:01:46.822+05:30इस ग़ज़ल का हर एक लफ्ज जैसे आंसुओं में डूबा हुआ लग...इस ग़ज़ल का हर एक लफ्ज जैसे आंसुओं में डूबा हुआ लग रहा है. खुदा किसी को किसी से जुदा ना करे.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10334979598994346183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-28378977056464004272010-05-25T20:00:00.996+05:302010-05-25T20:00:00.996+05:30क्या लिखा है आपने! आपने किसी दूसरे के टूटे हुए दिल...क्या लिखा है आपने! आपने किसी दूसरे के टूटे हुए दिल के बारे में इतना सोच कि आपकी कलम में भी उसके जैसा ही दर्द पैदा हो गया. मेरी बहुत ही दिल से निकल रही शुभ-कामनाएं.Sooraj Bagrodiyahttp://soobag@yahoo.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-34939899663684292172010-05-25T19:52:18.905+05:302010-05-25T19:52:18.905+05:30ग़ज़ल में इतना दर्द है कि कुछ लिखने की ताकत ही ...ग़ज़ल में इतना दर्द है कि कुछ लिखने की ताकत ही नहीं बचीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/11187652324753993824noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-5578914330287181482010-05-25T18:38:25.343+05:302010-05-25T18:38:25.343+05:30आपकी ग़ज़ल नि:संदेह बहुत ही कामयाब ग़ज़ल है; लेकि...आपकी ग़ज़ल नि:संदेह बहुत ही कामयाब ग़ज़ल है; लेकिन आपके दोस्त ने ऐसा क्यूँ किया? मेरी समझ से बाहर है. जब वो एक लड़की ना मन पढने में नाकाम रहा तो उसे ऐसा नहीं करना चाहिये था. अगर उस लडकी को यह पाता चल जाय कि आपका दोस्त अभी तक कुंवारा है तो उस लडकी पर क्या बीतेगी? आप क्या सोचते हो आपके दोस्त के फैसले पर?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11319788561526388195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-8479977546980259742010-05-25T18:24:29.290+05:302010-05-25T18:24:29.290+05:30यह सही है कि ऐसी घटना जिंदगी की दिशा बदल देती है ल...यह सही है कि ऐसी घटना जिंदगी की दिशा बदल देती है लेकिन कोई इस तरह से अपनी जिंदगी को बरबाद कर ले;बहुत बुरा लगता है. नरेशजी; क्या आप अपने दोस्त के इस निर्णय से इत्तफाक रखते हो? आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा. ग़ज़ल तो आपने गज़ब की लिखी है. अपने आप में एक कहानी कहनेवाली ग़ज़ल.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11885498636420272831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-36684611279570247952010-05-25T17:44:26.322+05:302010-05-25T17:44:26.322+05:30Nareshji; Your friend was wrong. Acording to me he...Nareshji; Your friend was wrong. Acording to me he himself is responsible for this situation. But I like the gazal. Bahut khoobsoorat hai.<br />Below lines represent the true Indian culture -<br />हमारी मुलाकातों पर उठती उंगलीयों को<br />मुझ पर हंसती तुम्हारी उन सहेलीयों को<br />काश कभी मैं समझ पाताAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/17964101510621432330noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-91702993832108163462010-05-25T17:40:45.570+05:302010-05-25T17:40:45.570+05:30एक बहुत ही दुखदायी घटना लेकिन इस घटना ने एक बहुत ह...एक बहुत ही दुखदायी घटना लेकिन इस घटना ने एक बहुत ही संवेदनशील ग़ज़ल को जनम दे दिया. नरेशजी; दाद देनी होगी आपकी सोच की. आपने बेहद अच्छी ग़ज़ल लिख दी है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11856493179368233616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-76968359164984803452010-05-25T13:55:41.077+05:302010-05-25T13:55:41.077+05:30हर एक शेर में महबूब ने जो अफसोस दिखाया है वो समझने...हर एक शेर में महबूब ने जो अफसोस दिखाया है वो समझने के लायक है. अब तो हर कोई ये समझ जाये कि मौहब्बत कब होती है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00375998643494544419noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-21178539277799291872010-05-25T13:41:18.249+05:302010-05-25T13:41:18.249+05:30एक एक सांस में दर्द जैसे भर आया. कितना दर्द और पछत...एक एक सांस में दर्द जैसे भर आया. कितना दर्द और पछतावा है इसमें -- <br />हम ना कह सके उन सभी बातों को<br />काश कभी मैं समझUnknownhttps://www.blogger.com/profile/02143045088857665662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-77912397415913156022010-05-25T13:29:11.965+05:302010-05-25T13:29:11.965+05:30ग़ज़ल अत्यंत ही सुन्दर. हर पंक्ति खुद बोलती है.इस ...ग़ज़ल अत्यंत ही सुन्दर. हर पंक्ति खुद बोलती है.इस तरह से किसी का दिल न टूटे कभी. भाईसा; क्या आपकी नहीं लगा आपका दोस्त कमजोर निकला. इस तरह से जिन्दगी को नहीं जिया करते .Priyamwada Kanwar Sisodiahttp://priya@yahooo.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-87534178181492502172010-05-25T13:26:08.976+05:302010-05-25T13:26:08.976+05:30होठों पर रूकती हुई बातों को --- वाह भैय्या. कितना ...होठों पर रूकती हुई बातों को --- वाह भैय्या. कितना जबरदस्त लिखा है!!!! मौहब्बत को बहुत करीब से महसूस किया जा सकता है आपकी इस ग़ज़ल में.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00998868493773725642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-49754244839713366172010-05-25T13:24:03.140+05:302010-05-25T13:24:03.140+05:30ग़ज़ल भी सुन्दर है और साथ के चित्र भी. आपने अपने म...ग़ज़ल भी सुन्दर है और साथ के चित्र भी. आपने अपने मित्र की मन:स्थिति को जिस तरह से महसूस किया वो बहुत ही लाजवाब है. आपकी रचनाएं दिल के करीब लगने लगी है अब. बहुत सारी बधाईयाँ<br /><br />तुम्हारी किताबों में लिखे मेरे नामों को<br />तुम तक ना पहुंचे मेरे उन पयामों को<br />काश कभी मैं समझ पाताUnknownhttps://www.blogger.com/profile/12573639224070966302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-163394964992398375.post-65489925062155689312010-05-25T10:51:19.445+05:302010-05-25T10:51:19.445+05:30waah lajawaab rachna aur roomaani chitra sanyojan...waah lajawaab rachna aur roomaani chitra sanyojanदिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.com