यादें
दबे पाँव आती है यादें
कभी सपनों में
कभी हवाओं में
कभी घटाओं में
कभी खुशबूओं में
दबे पाँव आती है यादें
वे हसीं पल
वे सुनहरे दिन
वे महफिलें
वे रौनकें
ले जाती है चुपके से हमें फिर उन दिनों में
जब भी दबे पाँव आती है यादें
अब जब कोई आरजू नहीं
अब जब कोई जुस्तजू नहीं
अब जब कोई आस नहीं
अब जब ओई मुराद नहीं
फिर भी क्यों आती आती है यादें
लेकर वो ही फरियादें
लेकर वो ही वादें
फिर लौट आओ
फिर से इस जहाँ में चले आओ
कोई तुम्हें बुलाता है
कोई आवाज़ लगता है
कोई आंसू बहाता है
कोई दुआओं में मांगता है
कोई सपनों में बुलाता है
कोई आराधना करता है
कोई साधना करता है
कोई कुछ कह रहा है
कोई इंतज़ार कर रहा है
हर रोज़ कहती है मुझे यादें
दबे पांव आती है यादें
अक्सर आती है यादें
यादें किसी की यादें
अब किस से करें फरियादें
यादें पापा की यादें
यादें पापा की यादें