महक गई हवा
ना जाने किस की याद से महक गई हवा
मेरे आँचल को फिर से छेड़ गई हवा
सावन की घटा को जैसे लेकर आती है हवा
पयाम फिर से किसी का लेकर आई है हवा
मैं भी थी गुमसुम चुपचाप सी थी हवा
ज़िक्र किसी का आते ही मचल गई हवा
दिल था खोया खोया और कहीं गुम थी हवा
बेसाख्ता किसी की याद बन बहने लगी हवा
एक गाँव से दूसरे गाँव तू तो बहती है हवा
मुझे भी अपने संग पी के गाँव उड़ा ले चल हवा
शनिवार, 24 अप्रैल 2010
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