मैं तोहे पुकारूं
सांवरे तोरी सुरतिया
ले गयी मोरी निंदिया
ना रहो मोसे दूर
ओ मोरे मन बसिया
बिन तोरे मोहे चैन ना आवे
जागूं सारी रैन मोरा जी घबरावे
दिन कट जावे पर कटे ना रतियाँ
ना रहो मोसे दूर ओ मोरे मन बसिया
कासे कहूँ अब मैं मन की पीरा
लगूं मैं बिरहन जैसे श्याम बिन मीरां
नीर बहे नैनों से जैसे कोई नदिया
ना रहो मोसे दूर ओ मोरे मन बसिया
कब से खड़ी राह मैं तोरी निहारूं
पवन संग दे आवाज मैं तोहे पुकारूं
ना आ सको तो भेजो अपनी कोई खबरिया
ना रहो मोसे दूर ओ मोरे मन बसिया
शनिवार, 12 जून 2010
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