बुधवार, 31 मार्च 2010

तुम्हें पहचान लेता हूँ 

चन्दन सी महक है तुम्हारी
मैं दूर से ही जान लेता हूँ
कदमों की आहट से तुम्हारी
मैं तुम्हें पहचान लेता हूँ

तुमने किया है चुपके से याद मुझे
चमकते चाँद से जान लेता हूँ
मेरी तस्वीर को अकेले में छुआ है तुमने
अपनी बढती धड़कन से जान लेता हूँ

शरमा रही हो मन ही मन में
लचकती डालीयों से जान लेता हूँ
दबे होठों से लिया है तुमने मेरा नाम
हवाओं की खुशबू से जान लेता हूँ

मैंने तुमसे किया है प्यार
मैं तुम पर अपनी जान देता हूँ
खुदा ने तुम सा कोई और ना बनाया
मैं उसे अपना सलाम देता हूँ

हर आशिक अपनी महबूबा को दे तुम्हारा नाम
मैं आज ये ऐलान करता हूँ
मेरा दिल, मेरा प्यार , मेरी हर आरज़ू
आज मैं तुम्हारे नाम करता हूँ

चन्दन सी महक है तुम्हारी
मैं दूर से ही जान लेता हूँ
कदमों की आहट से तुम्हारी
मैं तुम्हें पहचान लेता हूँ