शनिवार, 20 जून 2009

एक पल ठहर जाओ
चले जाना फ़िर सदा के लिए
बस एक पल ठहर जाओ
तुम्हारी आंखों में झाँक तो लूँ
अपनी किस्मत जान तो लूँ

जिसे तुमने कभी लिया था बड़े प्यार से
मेरे उस नाम को फ़िर से सुन तो लूँ
जिसे कभी पकड़ा था मैंने जनम जनम के लिए
उस हाथ को फ़िर से थाम तो लूँ

जिसे तुमने रखा था बड़े प्यार से
उस आँचल में कुछ देर आंसू बहा तो लूँ
दिल में बनाई थी मैंने जो तस्वीर तुम्हारी
उस तस्वीर को सदा के लिए मिटा तो दूँ

जिन में बाँधा था तुमने मुझे सदा के लिए
उन बंधनों को मैं ख़ुद खोल तो दूँ
कभी जो लिखे तुमने मुझे बड़े प्यार से
उन नामों को तुम्हें लौटा तो दूँ

कभी जो किए थे हमने जनम जनम साथ चलने के
उन वादों से आजाद आज तुम्हें कर तो दूँ
जिसे रखा था अब तक सीने से लगाकर
तुम्हारे उस दिल को आज लौटा तो दूँ

फ़िर चले जन फ़िर सदा के लिए ...... .....

बुधवार, 17 जून 2009

ना हो जुदा


ना हो जुदा





मेरे हमसफ़र मेरे हमकदम


ना हो तू अब मुझसे जुदा


मेरे हमराज़ मेरे हमनशीं


तू ही है अब मेरा खुदा






मेरे हमराज़ मेरे हमराह


मुझको बस तेरी ही चाह


मेरे हबीब रह मेरे करीब


ना हो तू अब मुझसे जुदा





मेरे महजबीं मेरे राजदार


मेरे दिल को है तुझसे करार


मेरे माहताब तुझे मेरी कसम


ना हो तू अब मुझसे जुदा





मेरे राज-ऐ-दिल मेरी जुस्तजू


तू ही मेरी आखिरी आरजू


मेरे आफताब तुझे खुदा कसम


ना हो तू अब मुझसे जुदा