सोमवार, 20 दिसंबर 2010

कोई चेहरा

कोई चेहरा जो अब तक निगाहों में हैं
कोई ख्वाब जो अब तक नींदों  में है

कोई मुलाकात जो अब तक यादों में है
कोई जज्बात जो अब तक दिल में है

कोई चाहत जो आज भी यूँहीं ज़िंदा है
कोई दिल जो टूट जाने से शर्मिंदा है

कोई मोड़ जो आज भी वहीँ खडा है
कोई सफ़र जो आज भी वहीँ रुका है

कोई शाम जो आज भी उदास है
कोई जिसकी आज भी तलाश है

कोई जिस के आने की आज भी आस है
कोई चेहरा जो आज भी कहीं आसपास है

कोई चेहरा जो अब तक निगाहों में है
कोई ख्वाब जो अब तक नींदों में है