सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

















मैं तुम्हारी याद हूँ 

अभी भी तुम्हारी सांसों की महक
मेरे चारों ओर है
अभी भी तुम्हारी हंसी की आवाज़
मेरे जहाँ में समाई है

अभी भी तुम्हारी ना ख़त्म होनेवाली बातें
मेरे कानों में गूंजती है
अभी भी तुम्हारे दिल की धड़कन
मेरे दिल में धड़कती है

अभी भी तुम्हारे होने का अहसास
मेरी आँखों में बसा हुआ है
अभी भी मेरी छाया में
अक्स तुम्हारा छुपा हुआ है

अभी भी तुम्हरे लौट आने की आस
मेरी उम्मीद में जिंदा है

तुम्हारी साँसे लेता हूँ
तुम्हारी बातें बोलता हूँ
तुम्हारी हंसी हँसता हूँ
तुम्हारी याद में जिंदा हूँ
क्योंकि मैं तुम्हारी याद हूँ
मैं तुम्हारी याद हूँ











तेरी याद 

फिर से आई तेरी याद है
ऐ खुदा फिर  फरियाद है

सावन आया बादल आ गए
फिर से  बरसी तेरी याद है

ना मिलोगे तुम तो क्या हुआ
संग मेरे जो  ये  तेरी  याद  है

इस जहां में सब मुझसे दूर है
सब कुछ मेरा बस तेरी याद है 

चाहे  ढूंढ  ले  अब तू सारा जहां
ना मिलेगा जैसा ये  "नाशाद" है