मंगलवार, 18 मई 2010



वो

अक्सर सबसे छुपकर
वो मेरी तस्वीर बनाता क्यों है
कागजों पर लिखकर मेरा नाम
वो ज़माने से छुपाता क्यों है

देखकर सूरत मेरी
वो हर बार मुस्कुराता क्यों है
मेरे वापस मुस्कुराने पर
वो ख़ुद फ़िर शर्माता क्यों है

जब अपना दिल मुझे दे दिया तो
वो ज़माने से घबराता क्यों है
जब मैंने खुदा से उसे मांग लिया तो
वो दुआओं में मुझे मांगता क्यों है

इश्क में नहीं मिला करते गुलाब तो
वो काँटों से घबराता क्यों है
रोज़ मुझसे मिलता है तो फ़िर
वो मेरे ख्वाबों में आता क्यों है

उसके दिल में है तस्वीर मेरी तो
वो उसे मुझसे छुपाता क्यों है
प्यार जब उसने मुझसे किया है तो
वो ज़माने को बताता क्यों है