सोमवार, 5 जुलाई 2010

                                 तेरी ज़ुल्फें



बन कर घटाएं कभी बरसती  हैं
बन कर हवाएं कभी लहराती हैं
तेरी ज़ुल्फें

बन कर नागिन कभी डसती हैं
बन कर खुशबु कभी महकती है
तेरी ज़ुल्फें

बन कर नशा ये मदहोश कर देती हैं
बन कर साया ये आगोश में लेती हैं
तेरी ज़ुल्फें

बन कर तूफां ये दिल को हिला देती हैं
बन कर अदा ये  ईमां डगमगा देती हैं
तेरी ज़ुल्फें

बिखर कर गालों पर कातिल बन जाती हैं
लहरा कर कांधों पर  घायल कर देती हैं
तेरी ज़ुल्फें