शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

        कोई देख रहा है 


झिलमिल चाँद सितारों में से कोई हमें देख रहा है
अब भी संग हूँ मैं तुम सबके  जैसे कोई कह रहा है

जीवनपथ पर  तुम कभी मत घबराना
थक कर घबराकर तुम मत रुक जाना
चलते जाना चलते जाना
मैं राह दिखलाता रहूँगा
जैसे कोई बोल रहा है
झिलमिल चाँद सितारों में से कोई हमें देख रहा है

गया वक़्त ना अब कभी लौटेगा
जो चल रहा है वो भी ना ठहरेगा
इस उलझन में तुम मत उलझ जाना
मेरे उसूलों को अपनाये रहना
कर्म अपने करते रहना
सभी को तुम अपनाये रखना
सभी को साथ लिए चलते रहना
जीत तुम्हारी ही होगी
मन में ये विश्वास कायम रखना
चुपके से कोई समझा रहा है
हौसला कोई जैसे दे रहा है
कोई हमें देख रहा है

झिलमिल चाँद सितारों में से कोई हमें देख रहा है
अब भी संग हूँ में तुम सबके जैसे कोई कह रहा है

सोमवार, 16 नवंबर 2009



लौट कर आऊँगा 

अगर चला गया हूँ तो लौट कर भी आऊँगा
तुम मेरी राहों  में  नज़रें  बिछाकर  देखना

ना भूला सकोगे मुझे तुम उम्र भर
मुझे अपनी यादों में बसाकर देखना

हर दरीचे में नज़र आएगा चेहरा मेरा
हर बंद दरीचे को तुम खुलाकर देखना

जब भी खडा पाओ किसी दोराहे तुम खुद को
चला आऊँगा तुम्हें राह दिखलाने
मुझे आवाज़ लगाकर देखना

जिस्म से दूर हो गया हूँ तो क्या
रूह में तुम्हारी समां चुका हूँ मैं
हर कदम पर तुम्हारे साथ रहूँगा
हर जनम में   मैं तुम्हें मिलूंगा
मेरा इंतज़ार कर के देखना

महसूस करोगे अपनी हर सांस में तुम सभी
अपने दिल की धडकनों को सुन कर देखना

फिर जनम लेंगे हम
हर जनम मिलेंगे हम

सोमवार, 2 नवंबर 2009



कोई है मेरे दिल में रहता है 

अक्सर मेरा दिल मुझसे कहता है
कोई है जो मेरे दिल में रहता है 

वो मेरी हर धड़कन में धड़कता है 
वो मेरी हर सांस में महकता है 
वो मेरी हर ख़ुशी में मुस्कुराता है 
वो मेरे हर ग़म में साथ रहता है 
कोई है जो मेरे दिल में रहता है 



वो मेरे सपनों में बसता है
वो मेरी नींदों में सोता है
वो मेरी पलकों में सजता है 
वो धुप में छाँव बना रहता है 
वो मेरी बातों में बोलता है 
वो साया बन मेरे साथ रहता है 
वो हर दोराहे पर राह दिखाता है 

वो मेरे करीब; बहुत करीब  रहकर भी 
वो मुझसे दूर रहता है 
कोई है जो मेरे दिल में रहता है 

दिल जानता है 


दिल ये जानता है कि वो आपको नहीं पा सकता 
फिर भी वो मानता नहीं है
कदम ये जानते हैं कि आप तक नहीं पहुँच सकते 
फिर भी वे रुकते नहीं हैं


हाथ ये जानते हैं कि उनकी दुआओं में वो असर नहीं 
फिर भी वे झुकते नहीं है 
ऑंखें ये जानती है कि उनकी किस्मत में अब आपका नज़ारा नहीं
लेकिन वे बंद होती नहीं है 


हर किसी को उसकी चाहत नहीं मिलती है
हर किसी को ग़मों से राहत नहीं मिलती नहीं है 


ऐ खुदा गर ये तेरी  दुनिया है 
तो  ऐसी दुनिया मिटती क्यों नहीं है 
गर तू हर वक़्त खुश रहता है तो 
हमें हमारी खुशियाँ मिलती क्यूँ नहीं है 

रविवार, 1 नवंबर 2009



यादें 
दबे पाँव आती है यादें 
कभी सपनों में 
कभी हवाओं में 
कभी घटाओं में 
कभी खुशबूओं में 
दबे  पाँव आती है यादें 
वे हसीं पल 
वे सुनहरे दिन 
वे  महफिलें 
वे रौनकें 
ले जाती है चुपके से हमें फिर उन दिनों में 
जब भी दबे पाँव आती है यादें 


अब जब कोई आरजू नहीं
अब जब कोई जुस्तजू नहीं 
अब जब कोई आस नहीं
अब  जब ओई मुराद नहीं 
फिर भी क्यों आती आती है यादें 
लेकर  वो ही फरियादें 
लेकर  वो ही वादें 
फिर लौट आओ 
फिर से इस जहाँ में चले आओ 
कोई तुम्हें बुलाता है
कोई आवाज़ लगता है 
कोई आंसू बहाता है 
कोई दुआओं में मांगता है 
कोई सपनों में बुलाता है 
कोई आराधना करता है 
कोई साधना करता है 


कोई कुछ कह रहा है 
कोई इंतज़ार कर रहा है 
हर रोज़ कहती है मुझे यादें 
दबे पांव आती है यादें 
अक्सर आती है यादें
यादें  किसी की यादें 
अब किस से करें फरियादें 
यादें पापा की यादें 
यादें पापा की यादें