सोमवार, 22 फ़रवरी 2010












तेरी याद 

फिर से आई तेरी याद है
ऐ खुदा फिर  फरियाद है

सावन आया बादल आ गए
फिर से  बरसी तेरी याद है

ना मिलोगे तुम तो क्या हुआ
संग मेरे जो  ये  तेरी  याद  है

इस जहां में सब मुझसे दूर है
सब कुछ मेरा बस तेरी याद है 

चाहे  ढूंढ  ले  अब तू सारा जहां
ना मिलेगा जैसा ये  "नाशाद" है

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