मंगलवार, 29 जून 2010

सुनो सजना

सुनो सजना
तुमरे बिना
मोरा जिया
अब लागे ना

जबसे हमने देखा तुम्हें
चाहा तुम्हें माँगा तुम्हें
आ भी जाओ
अब तुम तड़पाओना
मोरा जिया अब लागे ना


ख़्वाबों में आते हो
बस तुम ही तुम
ख्यालों में छाए हो
बस तुम ही तुम
तुम बिन एक पल भी
चैन आए ना
मोरा जिया अब लागे ना

निभायेंगे तुम्हारा साथ
हम जीवन  भर
होंगे ना तुमसे जुदा
कभी भी पल भर
अब तो सजना मान भी जाओ ना
मोरा जिया अब लागे ना

9 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत खूब। शुभकामनायें

Unknown ने कहा…

अतिसुन्दर. कभी सजनी के लिए भी लिखें. मुझे पूरी उम्मीद है आपका अगला गीत सजनी के ऊपर ही होगा.

Unknown ने कहा…

अच्छी रचना. जबसे हमने देखा तुम्हें . चाहा तुम्हें माँगा तुम्हें. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है.

Unknown ने कहा…

मन को मोहनेवाला गीत. अच्छा लगा.

Unknown ने कहा…

सावन के मौसम में आपके ये गीत बड़े अच्छे लग रहे हैं. बहुत बधाई भाईजान.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बहुत खूब।

Prem Farukhabadi ने कहा…

GEET BAHUT ACHCHHA LAGA.

Unknown ने कहा…

आपकी कवितायें बहुत ही अच्छी है. बहुत सुन्दर और दिल को तुरंत पसंद आनेवाली. ये गीत भी बड़ा अच्छा है.

manjul ramdeo ने कहा…

bahut aacha geet h
waise bhi sanana ke bina sab suna lagta h....