गुरुवार, 8 जुलाई 2010

मौहब्बत  

मौहब्बत आसां नहीं तो मुश्किल भी नहीं होती है
नाशाद लेकिन ये सबके नसीब में भी नहीं होती है

ख्वाब चाहे जितने भी आप महबूब के देख लो मगर
सभी की किस्मत में ख्वाबों की ताबीर नहीं होती है

जुदाई के बाद मिलन की बात ही कुछ और होती है
सब की किस्मत में लेकिन ऐसी जुदाई नहीं होती है

चाहे कोई लाख छुपाये अपनी मौहब्बत की बात को
आँखों की हया होंठों की मुस्कान से ये बयाँ होती है

ना बातों से ना ही खतों से ये कभी महसूस होती है
ये दिल से दिल की बात है दिल ही से महसूस होती है

चाहे कोई लाख बचाए खुद को मौहब्बत के असर से
नाशाद ये मौहब्बत है एक बार तो होकर ही रहती है

19 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

मौहब्बत सब के नसीब में नहीं होती ये सच है. फिर भी आप कहते हो कि एक बार होकर रहती है. ये कैसे हो सकता है. क्या ऐसा संभव है? मुझे नहीं लगता. लेकिन ग़ज़ल बहुत ही अच्छी लगी. बहुत प्यारी.

Unknown ने कहा…

नाशाद साहब; बहुत शानदार. बहुत ही खूब लिखा है आपने. अब तो आप अपना नाम बदल लीजिये.
चाहे कोई लाख छुपाये अपनी मौहब्बत की बात को
आँखों की हया होंठों की मुस्कान से ये बयाँ होती है

Shankar Raanka ने कहा…

बहुत खूब. मौहब्बत की रंगीनीयाँ बड़ी ही अच्छी लगी.

Unknown ने कहा…

मौहब्बत आसां नहीं तो मुश्किल भी नहीं होती है
नाशाद लेकिन ये सबके नसीब में भी नहीं होती है
ग़ज़ल का सबसे बढिया शेर

Unknown ने कहा…

बड़ी अच्छी ग़ज़ल है. मौहब्बत से भरी हुई. जिसे मौहब्बत नहीं हुई आपने उन्हें भी सांत्वना दे दी है कि सब के किस्मत में नहीं होती है. लेकिन फिर भी किस्मत आजमाते रहो क्यूंकि आपने यह भी लिख दिया है कि एक बार होकर ही रहती है.

Unknown ने कहा…

ना बातों से ना ही खतों से ये कभी महसूस होती है
ये दिल से दिल की बात है दिल ही से महसूस होती है
एक अच्छे और कामयाब शायर के सभी गुण आपकी इस ग़ज़ल में झलके हैं.

Unknown ने कहा…

ये दिल से दिल की बात है दिल ही से महसूस होती है
मौहबत का बड़ा ही सुन्दर चित्रण हु है. बेहद सुन्दर.

Unknown ने कहा…

इस ग़ज़ल ने एक अलग माहौल बना दिया मेरे मन में. आपने बहुत ही अच्छी ग़ज़ल लिखी है.

Naresh Kapoor ने कहा…

हर बात में मौहबत का रंग है. क्या कही है - ख्वाब चाहे जितने भी आप महबूब के देख लो मगर
सभी की किस्मत में ख्वाबों की ताबीर नहीं होती है

Auribindo Mukhopadhyaya ने कहा…

कोई ये बताये कि नाशाद नाम का शायर अपने नाम के साथ इन्साफ क्यों नहीं कर रहा है. नाम है नाशाद और हर किसी को मौहब्बत बड़े जोश से सिखा रहा है. मेरी भी अमीना जी की तरह मांग है कि आप अपना नाम बदल लेन. जानदार ग़ज़ल है हुजुर. क्या कहने आपके.

Unknown ने कहा…

चाहे कोई लाख छुपाये अपनी मौहब्बत की बात को
आँखों की हया होंठों की मुस्कान से ये बयाँ होती है

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

jnaab mohbbt pr doktret to kr li he lekin mohbbt kaa faarmulaa hmen bhi to btaao kese hoti he hm to bhaai akele hen . akhtar khan akela kota rajsthan

Unknown ने कहा…

बेहद सुन्दर. नरेशजी; आपने मौहब्बत को अपनी रचनाओं से एक नया आयाम दे दिया है. मेरी हार्दिक बधाई.

Armaan Grewaal ने कहा…

क्या मौहब्बत है सर जी. आनंद ही आनंद फ़ैल गया.

Unknown ने कहा…

ख्वाब चाहे जितने भी आप महबूब के देख लो मगर
सभी की किस्मत में ख्वाबों की ताबीर नहीं होती है
मौहब्बत की तमाम सच्चाईयां इस ग़ज़ल में आपने बयाँ की है. मुझे तो तारीफ़ करना भी नहीं आता.

Unknown ने कहा…

मौहब्बत बड़े काम की चीज है --- ये गीत याद आ गया. वाह वाह नरेशजी. वाह वाह नरेशजी.

Unknown ने कहा…

ये क्या हो गया है नरेशजी!!!!!!!! उदासी कहाँ चली गई. पहले तो आपने मुझे दर्द भरी गज्लने और कवितायें पढने की आदत डाली और अब ऐसी ग़ज़लें आयर गीत लिखकर मेरी पसंद बदल रहे हैं. ये गलत बात है. सही में आज तो मजा आ गया. दिल बाग़ बाग़ हो गया; नहीं दिल मौहब्बत मौहब्बत हो गया..

Unknown ने कहा…

हर शेर में एक नसीहत. कितनी तरफ करूँ . बहुत अच्छी है.

Dil Chauhan ने कहा…

क्या हसीन ग़ज़ल है. सभी ने इतनी तरफ लिखी है. अब मेरी क्या औकात .मेरी तो उम्र भी बहुत कम है.