वे नहीं लौट कर आनेवाले
चाहे भर ले आंखों में आंसू
चाहे दिल से आवाज़ लगा ले
दिल तोड़ कर जो गए हैं
वे नहीं लौट कर आनेवाले
चाहे लिख दे लाख संदेशे
चाहे हर मोड़ पर राह तक ले
जो गुजर गए हैं उन राहों से
वे नहीं लौट कर आनेवाले
चाहे खुदा से फरियादें कर ले
चाहे खुद को बरबाद कर ले
जो बसा चुके अपनी अलग दुनिया
वे नहीं लौट कर आनेवाले
चाहे मंदिर में दिए जला ले
चाहे सब कुछ न्यौछावर कर दे
जो हो गए हैं किसी और के
वे नहीं लौट कर आनेवाले
चाहे रिश्तों की याद दिला दे
चाहे वफाओं का वास्ता दे दे
जो हो बेवफा कहीं चल दिए है
वे नहीं लौट कर आनेवाले
चाहे फिर महफिलें सजा ले
चाहे फिर शम्मा जला ले
जो डरते हैं जलने से नाशाद
वे नहीं परवाना बननेवाले
सोमवार, 31 मई 2010
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13 टिप्पणियां:
अच्छी रचना. ये शेर बहुत अच्चा लगा -
चाहे फिर महफिलें सजा ले
चाहे फिर शम्मा जला ले
जो डरते हैं जलने से नाशाद
वे नहीं परवाना बननेवाले
आदरणीय नरेश जी,
भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिये...
विषय वस्तु को सही श्ब्दों में पेश करना ही...
रचनाकार की योग्यता का मापदंड़ होता है.
आपकी सभी रचनाओं में ये विशेषता देखने को मिलती है.
बधाई स्वीकार करें.
जो गुज़र गए हैं उन राहों से वो नहीं लौटकर आनेवाले
क्या खूब बात है. सुन्दर
Aapne achcha likha hai. Very good.
बहुत उदासी है इसमें. लेकिन फिर भी अच्छी लगी.
नरेशजी; आपके प्रेम-गीत अच्छे होते हैं. ऐसी लिखिए लेकिन कुछ कम. है ये बहुत ही अच्छी. आपको शुभ-कामना. आपके प्रेम-गीत का इंतज़ार रहेगा.
शाहिद भाई; आपकी इस टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया. मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है. मेरा हौसला बढेगा.
बेहद ही दर्द से भरी हुई और शाहिद भाई की बात का समर्थन करते हुए कि भावनाएं जबरदस्त उभरकर आई है. नरेशजी; ऐसा दर्द तभी निकलता है जब दिल में वास्तव में दर्द भरा हुआ हो. कोई युहीं ऐसी ग़ज़ल नहीं लिख सकता. शाहिद भाई भी शायद इस बात को मानेंगे.
काफी अच्छी रचना. मुझे बहुत पसंद आई. चाहे मंदिर में दीये जला ले -- यह पंक्ति तो दिल तक को भिगो गई.
नरेश भाई; आप इतना दर्द कहाँ से लेकर आते हो? एक एक लाइन हजार आंसू ले आये ऐसी भाषावली प्रयुक्त हुई है. बस और कुछ मैं कहने कि स्थिति में नहीं हूँ. क्षमाप्रार्थी हूँ
अच्छी रचना !!! सच बात कही है !
चाहे फिर महफिलें सजा ले
चाहे फिर शम्मा जला ले
जो डरते हैं जलने से नाशाद
वे नहीं परवाना बनन
jo apni duniya alag bana lete wo phir lot kar aane wale nahi
good
नरेशजी; आपके प्रेम-गीत अच्छे होते हैं
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